🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 इश्क़ शबनम नहीं शरारा है राज़ ये मुझ पे आश्कारा है 🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻 इक करम की निगाह कर दीजे उम्र-भर का सितम गवारा है 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 रक़्स में हैं जो साग़र-ओ-मीना किस की नज़रों का ये इशारा है ⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘ ऐसी मंज़िल पे आ गया हूँ दोस्त तिरे ग़म का फ़क़त सहारा है 🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟 लौट आए हैं यार के दर से वक़्त ने जब हमें पुकारा है 💖💖💖💖💖💖💖 दिल न टूटे तो ज़र्रा-ए-नाचीज़ कीमिया है जो पारा पारा है 💐💐💐💐💐💐💐💐 जाम-ए-रंगीं में उन का अक्स-ए-जमाल या शफ़क़ में कोई सितारा है 🌟💖🌟🌟💖🌟💖🌟 नाव टकरा चुकी है तूफ़ाँ से अपना मुर्शिद ही अब सहारा है 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 इश्क़ करना है मात खा जाना उस में जीता हुआ भी हारा है 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 अपने 'दर्शन' पे इक निगाह-ए-करम कि ग़म-ए-ज़िंदगी का मारा है 💐🌺⚘🌺💐⚘🌺💐 Sant Darshan Singh Ji Maharaj 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
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